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फर्जी किसान नेताओं के बूरे दिन शुरू हो गये

 

 

Leaders of Fake Kisan Andolan

 

दिल्‍ली: फर्जी किसान नेताओं के बूरे दिन शुरू हो गये । इस फर्जी किसान आंदोलन में कई फर्जी किसान नेता पगट हुए हैं। उसमें एक हैं योगेंद्र यादव। वे इस आंदोलन के अगुआ बने हुए हैं। ये वही जनाब हैं जिन्‍हें अरविंद केजरीबाल ने लतिया कर भगाया था। यह प्राणी शाहीनबाग में भी पाया गया था। वे हर तरह के राष्‍ट्रविरोधी हरकतों, जैसे प्रदर्शन, हिंसा आदि कारनामों में पाये जाते हैं। बाम पंथी हैं।

 


मोदी सरकार के धैर्य का पैमाना अब लबरेज हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कल गणतंत्र दिवस की शाम ही एक हाइ लेबल मिटिंग की थी। आज उन्‍होंने फिर एक बैठक की है। दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर ने उन्‍हें विस्‍तार से उन घटानाओं की जानकारी दी है। कल की हिंसा के लिए अभी तक २०० लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

 

एनओसी तोड़ने के मामले में ५ नेताओं के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर ली गयी है। वे हैं डा. दर्शन पाल, गुरूनाम सिंह चढ़ौनी, बलबीर सिंह राजेबाल, जोगेंद्र उगराहा और योगेंद्र यादव। ट्रैक्‍टर परेड के रूट को लेकर इनकी दिल्‍ली पूलिस से ६ दौर की बातचीत हुयी थी। इन्‍होंने पुलिस को अंडरटेकिंग दी थी। सिर्फ ३ रूट पर परेड होगी। यह शांतिपूर्ण होगी। कोई हथियार लेकर नहीं जाएगा। बैरीकेट्स नहीं तोड़े जाएंगे। लेकिन इनलोगों ने उस अंडरटेकिंस को निभाने में नाकाम रहे। उक्‍त पांच नेताओं के खिलाफ़ मामले दर्ज कर लिए गये हैं। सीसी टीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। जो हिंसा में लिप्‍त थे उनकी पहचान की जा रही है।

 

२५ और २६ जनवरी के फोन कॉल के डिटेल्‍स खंगाली जा रही है। हुरदंगियों की पहचान की जा रही है। राकेश टिकैत, प्रीत संधू, लक्‍खा, भट्टाचार्या, चढ़ौनी के लोगों को भड़काते हुए विडिओ सामने आए हैं।  टिकैत और चढ़ौनी के वीडियो तो बेहद खतरनाक हैं। ये लोग अपने समर्थकों से कहते हुए दिख रहे हैं कि आप लोग लाठी, डंडे, हथियार लेकर तैयारी के साथ शामिल होइए। हमारी इज्‍जत दाव पर लगी है उसे बचाओ। यह हमारे नाक का सवाल है। हम सरकार को घुटनों पर ला देंगे।

 

टीवी पर चढ़ौनी का एक बयान चल रहा है कि सब लोग तैयारी के संग दिल्‍ली पहुंचो। उस दिन सारे बेरीकेट्स तोड़ने हैं। जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्‍मेदार होगी। वे कह रहे हैं कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर फाइनल मैंच होगा। उक्‍त सभी लोग किसानो को भड़काते हुए दिख रहे हैं। इनके खिलाफ भी एफआइआर की तैयारी हो चुकी है।

 

लाल किले पर जिन्‍होंने राष्‍ट्रीय ध्‍वज का अपमान किया है, उनके खिलाफ भी एफआइआर दर्ज किए गये। उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए गये हैं। इनके विरूद्ध एलर्ट जारी कर दिए गये हैं।

 

राजपथ पर आयोजन के लिए दो सौ कलाकार लाल किला में ही ठहरे थे। जो पुलिस उन्‍हें निकालने गयी उसपर भी उपद्रवियों ने एटैक किए। ये लोग पुलिस पर लाठियां बरसा रहे थे। उनके महिलाएं भी थीं। अनेक पुलिसकमिर्यों ने लाल किले से सटे लाहौरी नाले में कूद कर अपनी जान बचायी।  बाद में अनेको को अस्‍पताल लाया गया। घायल पुलिसकर्मियों की तादात लगभग २०० है।

 

अब यह स्‍पष्‍ट हो गया है कि वे लोग गणतंत्र दिवस पर ही ट्रैक्‍टर रैली निकालने को क्‍यों आमदा थे। क्‍यों इन्‍होंने कई राज्‍यों से ट्रैक्‍टरों को दिल्‍ली ही लाने का अहवान क्‍यों किया था।

 

अब वे नेता यह कह रहे हैं कि हम तो उसी रास्‍ते पर गये जो पुलिस ने हमे मंजूर किया था। और जो लोग दूसरे रास्‍ते से गये औ दंगा किया वे बाहरी लोग थे जो हमारे आंदोलन को बदनाम करना चाहते थे।

 

सीसीफूटेज खंगालने से यह साबित हो गया है कि इनकी पहले से यही मंशा थी कि ये लोग लाल किला भी जाएंगे। इनकी योजना राष्‍ट्रपति भवन और इंडिया गेट तक जाने की थी। वहां भी यही हरकत करने की इनकी योजना थी। इनपर सख्‍त से सख्‍त कर्रवाई होनी चाहिए।

 

इनको यहां लाने में दिल्‍ली के मुख्‍य मंत्री केजरीबाल का बड़ा हाथ है। पंजाब के सीए कैप्‍टन अमरेंदर सिंह भी इसके जिम्‍मेवार हैं। राहुल गांधी भी परदे के पीछे से इन्‍हें सपोर्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ बामपंथी लीडर भी हैं जिनपर इसकी‍ जिम्‍मेवारी बनती है। इनको पंजाब से दिल्‍ली लाने में इन सबकी भूमिका है।

केजरीबाल ने इनके यहां हाजिरी लगाई थी। हाथ जोर कर खरे हुए थे कि मैं तो आपलोगों के इंतजाम देखने आया हूं।

 

इसके अलावा राहुल, प्रियंका, शरद पवार, सीतराम येचुरी, डी राजा, डीएम के लोग, शिवसेना के लोग, ममता बैनर्जी, अखिलेश यादव, भुपेंदर सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सूरजेवाला, अभय चौटाला, आदि लोगों ने इनकी मदद की। इनको इमराद पहुचाया। इनको समर्थन दिया। 

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